Chhindwara Tragedy: 6 Children Dead, Cough Syrup Ban After Kidney Failure Cases | Chhindwara News: कफ सिरप से किडनी फेल? 6 बच्चों की मौत, DM ने 2 दवाओं पर लगाया बैन | News Track in Hindi

Chhindwara Tragedy: 6 Children Dead, Cough Syrup Ban After Kidney Failure Cases | Chhindwara News: कफ सिरप से किडनी फेल? 6 बच्चों की मौत, DM ने 2 दवाओं पर लगाया बैन | News Track in Hindi

10/1/2025, 8:51:42 AM

Chhindwara News: छिंदवाड़ा मध्य प्रदेश में किडनी फेल होने से 6 बच्चों की मौत के बाद भोपाल स्वास्थ्य विभाग सतर्क हो गया है। इसके बाद दो कफ सिरप - कोल्ड्रिफ (Coldrif) और नेक्सट्रॉस-डीएस (Nextro-DS) की बिक्री पर रोक लगा दी गई है। एक न्यूज़ चैनल से बातचीत में जिला मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. मनीष शर्मा ने बताया कि भोपाल में अब ये दोनों सिरप पूरी तरह से प्रतिबंधित रहेंगे। उन्होंने कहा कि इनकी सप्लाई सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों में नहीं होती है, लेकिन निजी मेडिकल स्टोर्स पर जांच अभियान चलाया जाएगा। इसके साथ ही आईसीएमआर की टीम इस मामले की जांच करेगी, ताकि बच्चों की मौत के पीछे की असली वजह सामने आ सके। मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले के परासिया और आसपास के गांवों में एक रहस्यमयी बीमारी का खतरा लगातार बढ़ रहा है। पिछले 23 दिनों में यहां 6 छोटे बच्चों की मौत हो चुकी है, जबकि 12 से ज्यादा मासूम अभी भी अस्पतालों में भर्ती हैं। डॉक्टरों के अनुसार, इन बच्चों की मौत का कारण किडनी फेल होना है। आशंका जताई जा रही है कि जिन बच्चों को सर्दी, खांसी और बुखार की शिकायत थी, उन्हें जो कफ सिरप पिलाया गया, वही उनकी सेहत के लिए खतरनाक साबित हुआ और धीरे-धीरे उनकी किडनी ने काम करना बंद कर दिया। फिलहाल स्वास्थ्य विभाग सतर्क हो गया है और जांच के लिए टीमें सक्रिय कर दी गई हैं। मेडिकल स्टोर्स पर भी कफ सिरप की जांच शुरू कर दी गई है, ताकि असली वजह का पता लगाया जा सके। स्थानीय लोगों में दहशत का माहौल है और माता-पिता बच्चों को लेकर बेहद चिंतित हैं। वहीं, डॉक्टर और स्वास्थ्य विभाग की टीमें लगातार प्रयास कर रही हैं कि बीमारी पर काबू पाया जा सके और आगे ऐसी कोई घटना न हो। दवाओं पर शक गहराया प्रशासन ने शुरुआती जांच में पानी और चूहों के सैंपल लिए थे, लेकिन रिपोर्ट नेगेटिव आई। इसके बाद अब संदेह दवाओं पर जताया जा रहा है। इसी वजह से जिला प्रशासन ने बच्चों को दी जा रही Coldrif और Nextro-DS कफ सिरप पर तत्काल रोक लगा दी है। कलेक्टर शीलेंद्र सिंह ने निर्देश दिए हैं कि मेडिकल स्टोर्स पर फिलहाल बच्चों को सिर्फ सामान्य (प्लेन) सिरप ही दिया जाए। दूषित पानी पर भी सवाल स्थानीय लोगों का आरोप है कि नगर परिषद की ओर से सप्लाई होने वाला पानी गंदा और पीला होता है। कई बार शिकायत करने के बाद भी कार्रवाई नहीं हुई। उनका कहना है कि यही बीमारी का बड़ा कारण हो सकता है। जांच में जुटी ICMR और पुणे लैब मामले की गंभीरता को देखते हुए बच्चों के सैंपल पुणे लैब और आईसीएमआर को भेजे गए हैं। रिपोर्ट आने के बाद ही असली वजह साफ होगी। वहीं, विधायक सोहन वाल्मिक ने स्वास्थ्य मंत्रालय को पत्र लिखकर जल्द कार्रवाई की मांग की है और चेतावनी दी है कि अगर कदम नहीं उठाए गए तो आंदोलन किया जाएगा। प्रशासन की गाइडलाइन बिना डॉक्टर की सलाह के बच्चों को दवा न दें। बुखार, खांसी या उल्टी की शिकायत पर तुरंत सरकारी अस्पताल जाएं। झोलाछाप डॉक्टरों से इलाज न कराएं। बच्चों की यूरिन पर नजर रखें, रुकने पर तुरंत डॉक्टर को दिखाएं। दो दिन से ज्यादा बुखार या सुस्ती रहने पर समय न गंवाएं। परिजनों का दर्द मृतक बच्चों के माता-पिता का कहना है कि इलाज पर लाखों रुपये खर्च हुए, लेकिन उनके बच्चे बच नहीं पाए। अदनान की मां ने बताया कि बेटे को हल्का बुखार था, धीरे-धीरे हालत बिगड़ी और किडनी खराब हो गई। यासीन खान ने कहा कि बेटे का पेशाब आना बंद हो गया, कई डायलिसिस कराए गए लेकिन अंत में उसकी मौत हो गई। अधिकारियों का बयान बीएमओ अंकित सहलाम ने बताया कि रिपोर्ट आने के बाद ही असली कारण पता चल पाएगा। कलेक्टर शीलेंद्र सिंह ने कहा कि मामला बेहद गंभीर है, जांच जारी है और अभिभावकों को घबराने की जरूरत नहीं है। वहीं, उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल ने बच्चों की मौत पर गहरा दुख जताया और भरोसा दिलाया कि भोपाल और दिल्ली से आई टीमें मामले की पूरी तरह जांच कर रही हैं।