हिमाचल प्रदेश में अब तक सामान्य से 39 प्रतिशत अधिक बारिश, 4881 करोड़ रुपये का नुकसान
10/1/2025, 12:24:59 PM
शिमला, एक अक्टूबर (भाषा) हिमाचल प्रदेश में एक जून से 30 सितंबर तक मानसून के दौरान सामान्य से 39 फीसदी अधिक बारिश हुई। राज्य में सामान्य तौर पर इस अवधि में 734.4 मिमी बारिश होती है लेकिन इस साल 1,022.5 मिमी बारिश दर्ज की गई। मौसम कार्यालय ने बुधवार को यहां यह जानकारी दी। हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश से व्यापक तबाही हुई है। अधिकारियों के मुताबिक भारी बारिश, बादल फटने, बाढ़ और भूस्खलन की घटनाओं में 4,881 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है। उन्होंने बताया कि इस मानसून में राज्य में बादल फटने की 47, अचानक बाढ़ आने की 98 और बड़े भूस्खलन की 148 घटनाएं हुईं और इन घटनाओं में 454 लोगों की जान चली गई। शिमला स्थित मौसम विज्ञान केंद्र द्वारा जारी एक रिपोर्ट के मुताबिक दक्षिण-पश्चिम मानसून 20 जून को हिमाचल प्रदेश पहुंचा था और 26 सितंबर को वापस लौटा। केंद्र के मुताबिक पिछले 29 वर्षों में, दक्षिण-पश्चिम मानसून का सबसे पहले आगमन 9 जून, 2000 को हुआ था और सबसे विलंबित आगमन 5 जुलाई, 2010 को हुआ था। सबसे पहले वापसी 18 सितंबर, 2001 को हुई थी और सबसे विलंबित वापसी 11 अक्टूबर, 2019 को हुई थी। आंकड़ों के मुताबिक इस वर्ष हिमाचल प्रदेश में पिछले 125 वर्षों में 15वीं सबसे अधिक 1,022.5 मिमी वर्षा दर्ज की गई। यह पिछले 29 वर्षों में सबसे अधिक बारिश है। 1901 से 2025 तक की अवधि के लिए सबसे अधिक 1,314.6 मिमी वर्षा 1922 में दर्ज की गई थी। मौसम विज्ञान केंद्र के मुताबिक इस मानसून में जून में 34 प्रतिशत, अगस्त में 68 प्रतिशत और सितंबर में 71 प्रतिशत अधिक वर्षा हुई। हालांकि, जुलाई में सामान्य से दो प्रतिशत कम वर्षा दर्ज की गई। आंकड़ों के मुताबिक राज्य में 36 दिन (जून में चार दिन, जुलाई में आठ दिन, अगस्त में 15 दिन और सितंबर में नौ दिन) मूसलाधार बारिश दर्ज की गई।