Kanpur news: ऊसर जमीन का "गुड बैक्टीरिया" करेंगे इलाज, जमीन को उपजाऊ बनाने के जानें तरीके

Kanpur news: ऊसर जमीन का "गुड बैक्टीरिया" करेंगे इलाज, जमीन को उपजाऊ बनाने के जानें तरीके

10/1/2025, 11:43:31 AM

कानपुर. किसानों की ऊसर और कमजोर मिट्टी को फिर से उपजाऊ बनाने के लिए अब चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (सीएसए विवि) के वैज्ञानिक खुद खेतों में उतरेंगे. यह पहल राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के निर्देश पर शुरू की जा रही है. वैज्ञानिक मिट्टी की खराब सेहत के कारणों का अध्ययन करेंगे और फिर गुड बैक्टीरिया व बायोफर्टिलाइजर्स की मदद से खेतों को उपजाऊ बनाएंगे. इस अभियान की शुरुआत पहले चरण में कानपुर देहात, फतेहपुर, रायबरेली और प्रतापगढ़ सहित कुछ जिलों से होगी. खेतों में पहुंचेंगे विशेषज्ञ इस काम के लिए सीएसए विवि के सॉइल माइक्रोबायोलॉजिस्ट और प्लाट पैथोलॉजिस्ट किसानों के खेतों में जाएंगे. वे मिट्टी की जांच करके यह पता लगाएंगे कि आखिर उसकी सेहत क्यों बिगड़ रही है. कई जगह लगातार रासायनिक खाद और कीटनाशक के ज्यादा इस्तेमाल से मिट्टी की उर्वरता कम हो गई है. वैज्ञानिक हर खेत की अलग-अलग समस्या को समझेंगे और फिर उसी हिसाब से समाधान देंगे. किसानों से सीधा संवाद करके उन्हें मिट्टी सुधारने के तरीके बताए जाएंंगे. मऊ से आएंगे गुड बैक्टीरिया सीएसए विवि के शोध निदेशक डॉ. पीके सिंह ने बताया कि इसके लिए नेशनल ब्यूरो ऑफ एग्रीकल्चरली इम्पोर्टेंट माइक्रोऑर्गेनिज़्म (NBAIM), मऊ से गुड बैक्टीरिया लाए जाएंगे. इन बैक्टीरिया को खेतों में डालने से मिट्टी के सूक्ष्मजीव सक्रिय होंगे और फसलें तेजी से बढ़ेंगी. इसके साथ ही सीएसए विवि में तैयार किए गए बायोफर्टिलाइजर्स जैसे ट्राइकोडर्मा, राइजोबियम आदि भी किसानों को दिए जाएंगे. ये प्राकृतिक खाद मिट्टी को ताकतवर बनाएंगे और धीरे-धीरे उसका संतुलन ठीक करेंगे. मिट्टी सुधरेगी तो आय भी बढ़ेगी डॉ. सिंह ने बताया कि जब मिट्टी की सेहत सुधरेगी तो फसल की पैदावार अपने आप बढ़ेगी. इससे किसानों की आमदनी में इजाफा होगा. साथ ही मिट्टी संतुलित और सेहतमंद होने से फसल पर कीटों का प्रकोप भी कम होगा, यानी किसान को कीटनाशकों पर ज्यादा पैसा खर्च नहीं करना पड़ेगा. राज्यपाल का मानना है कि इससे टिकाऊ खेती को बढ़ावा मिलेगा और किसान लंबे समय तक फायदा उठा पाएंगे. किसानों के लिए उम्मीद की किरण किसानों को उम्मीद है कि इस पहल से उनकी सूखी और ऊसर भूमि भी हरी-भरी हो जाएगी. खासकर वे किसान जिनकी जमीन लगातार खेती के बाद कमजोर हो चुकी है, उनके लिए यह योजना बड़ी राहत साबित हो सकती है. सीएसए विवि का यह प्रयास खेती को वैज्ञानिक तरीके से मजबूत करने की दिशा में अहम कदम है. जब यह योजना पूरे प्रदेश में लागू होगी तो लाखों किसान इसका लाभ उठा पाएंगे.