धर्मस्थल खोपड़ियों पर एफएसएल रिपोर्ट सौंपी गई, मौत का कारण स्पष्ट नहीं
10/1/2025, 3:24:30 PM
मंगलुरु (कर्नाटक), एक अक्टूबर (भाषा) फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला (एफएसएल) ने तीन खोपड़ियों और हड्डियों के अवशेषों पर अपनी रिपोर्ट बुधवार को सौंप दी, जिनकी पिछले दो दशकों में धर्मस्थल में ''कई हत्या, बलात्कार और शवों को दफनाने'' के आरोपों की एसआईटी जांच के तहत पड़ताल की गई थी। यह जानकारी विशेष जांच दल (एसआईटी) के सूत्रों ने दी। सूत्रों ने बताया कि विशेष जांच दल (एसआईटी) को इलाके में मिले मानव अवशेषों के एफएसएल विश्लेषण की पहली रिपोर्ट मिल गई है। एसआईटी सूत्रों के अनुसार, रिपोर्ट में बताया गया है कि चिन्नैया द्वारा अदालत में पेश की गई खोपड़ी लगभग 40 वर्षीय एक पुरुष की थी। सूत्रों ने बताया कि रिपोर्ट के अनुसार, स्थल-6 से बरामद दूसरी खोपड़ी और हड्डियों की पहचान 25-30 साल के एक पुरुष की है। सूत्रों ने बताया कि स्थल-15 पर पेड़ों की जड़ों के पास मिले तीसरे अवशेष 35-39 साल के एक पुरुष के थे। एक सूत्र ने बताया कि एफएसएल विश्लेषण में किसी भी अवशेष पर किसी भी प्रकार के फ्रैक्चर या हमले से संबंधित चोट का कोई सबूत नहीं मिला। सूत्र ने बताया कि तीनों व्यक्तियों की मौत का कारण अभी तक पता नहीं चल पाया है। उन्होंने बताया कि संभावित जहर की जांच के लिए नमूने अहमदाबाद स्थित एफएसएल भेजे गए हैं। इसके अलावा, सूत्रों ने बताया कि बंगलेगुड्डे में बाद में हुई खुदाई के दौरान बरामद कुछ और खोपड़ियों और कंकालों के नमूनों को अभी फोरेंसिक जांच के लिए भेजा जाना बाकी है। एसआईटी अवशेषों से जुड़ी परिस्थितियों और चिन्नैया के आरोपों से उनके संबंध की जांच जारी रखे हुए है। अधिकारियों ने जांच की प्रगति या निष्कर्षों के संदर्भ के बारे में और विवरण जारी नहीं किए हैं। मृत्यु के कारण के बारे में रिपोर्ट की अनिर्णायक प्रकृति ने और जांच की संभावना को खुला छोड़ दिया है और अतिरिक्त अवशेषों के फोरेंसिक विश्लेषण से और स्पष्टता मिलने की उम्मीद है। मामला अभी भी जांच के दायरे में है क्योंकि एसआईटी जारी जांच के परिणामों की प्रतीक्षा कर रही है। यह विवाद तब शुरू हुआ जब एक शिकायतकर्ता ने धर्मस्थल में कुछ समय के दौरान कई शवों को दफनाने का दावा किया। शिकायतकर्ता की बाद में पहचान सी एन चिन्नैया के रूप में हुई और जिसे झूठी गवाही के आरोप में गिरफ्तार किया गया। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने मंदिर को निशाना बनाए जाने का विरोध किया था। उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार ने भी चेतावनी दी थी कि अगर शिकायत झूठी निकली तो कार्रवाई की जाएगी।