Navratri 2025 Lucknow: महानवमी पर कन्या पूजन संग हुआ व्रत का पारण

Navratri 2025 Lucknow: महानवमी पर कन्या पूजन संग हुआ व्रत का पारण

10/1/2025, 3:28:16 PM

लखनऊ (ब्यूरो)। शारदीय नवरात्रि के अंतिम दिन बुधवार को राजधानी में हर ओर महानवमी की धूम दिखाई दी। एक ओर मां के सिद्धिदात्री स्वरूप का पूजन किया गया। वहीं, दूसरी ओर भक्तों द्वारा कंजिका पूजन किया गया। बंगाली समाज की ओर से ढाक की धुन और धुनुचि आरती के बीच मंत्रोच्चारण करते हुए पुरोहितों ने महानवमी की पूजा की। साथ ही देवी मंदिरों में भक्तों की भीड़ रही। मां की पूजा के साथ कन्या खिलाने के साथ व्रत का पारण किया गया। वहीं, गुरुवार को दुर्गा पंडालों में बंगाली समाज द्वारा सिंदूर खेला का आयोजन किया जाएगा और इसके बाद मां की विदाई होगी। कन्या पूजन संग व्रत का पारण नवरात्रि के अंतिम दिन घरों से लेकर मंदिरों तक में कन्या पूजन किया गया। मां के भक्तों ने कन्याओं को चुनरी व टीका लगाकर उनका पूजन किया। इसके बाद हलवा, पूरी व चना का भोग लगाया, दान दिया और उज्ज्वल भविष्य की कामना की। शास्त्रीनगर स्थित दुर्गा मंदिर में मां का फूलों से और राजेंद्र नगर के महाकाल मंदिर में मां के सिद्धिदात्री स्वरूप का भव्य श्रृंगार किया गया। भजन कार्यक्रम का आयोजन ठाकुरगंज स्थित मां पूर्वी देवी मंदिर मां का सिद्धिदात्री स्वरूप में भव्य श्रृंगार के साथ भजन कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसके अलावा, चौक स्थित छोटी व बड़ी कालीजी मंदिर, चौपटिया स्थित संदोहन देवी मंदिर, संकटा देवी मंदिर समेत अन्य जगहों पर मां की महाआरती के साथ हवन व भजन का आयोजन हुआ। इस दौरान लोगों ने मां से सुख-समृद्धि की मंगलकामना की। पंडालों में महानवमी की पूजा राजधानी के विभिन्न दुर्गा पंडालों में महानवमी पर विशेष पूजन संग मां की आराधना की गई। पुजारियों द्वारा विशेष पाठ किया गया। इस दौरान कन्या पूजन का आयोजन किया गया। वहीं, ढाक की थाप और धुनुचि आरती से पूरा वातावरण भक्तिमय हो गया। इसके बाद मां को भोग लगाया गया और भक्तों में खिचड़ी, सब्जी और मीठे का भोग वितरित किया गया। देर रात तक दुर्गा पंडालों में भक्तों के आने का सिलसिला जारी रहा। आज सिंदूर खेल संग मां की विदाई मान्यता है कि शारदीय नवरात्र के दौरान मां अपने मायके में रहने के बाद दशमी के दिन विदा होती हैं। इस दिन सिंदूर खेला का आयोजन किया जाता है। बंगाली समाज की सुहागिनें मां को सिंदूर लगाने के बाद एक-दूसरे को सिंदूर लगाती हैं ताकि मां की कृपा हमेशा बनी रहे और वे हमेशा सुहागन रहें। इसके बाद मां की प्रतिमा का धूमधाम के साथ विसर्जन किया जाता है। एकादशी पर मां के चरणों के दर्शन एकादशी के दिन चौपटिया स्थित मां संदोहन देवी मंदिर में मां की चरण पादुका के दर्शन होते हैं। मां के चरणों के दर्शन साल में केवल दो बार नवरात्रि के बाद आने वाली एकादशी के दिन ही होते हैं। ऐसी मान्यता है कि मां के चरण के दर्शन करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।