बाबा का खौफ: मुख्यमंत्री जी बचा लो, अब और न सताओ- अतीक के बेटे अली ने झांसी जेल जाते ही लगाई गुहार | Atiq Ahmad son Ali transfer from Naini jail to Jhansi jail | Hari Bhoomi

10/2/2025, 1:19:05 AM
लखनऊ डेस्क : माफिया अतीक अहमद के छोटे बेटे अली अहमद को नैनी सेंट्रल जेल से झांसी जिला कारागार में स्थानांतरित कर दिया गया है। झांसी पहुंचने पर, अली ने मीडिया के सामने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से गुहार लगाते हुए कहा कि अब उन्हें और परेशान न किया जाए और जो होना था, वह हो चुका है। अली ने यह भी दावा किया कि उन्हें फर्जी मुकदमों में फंसाया गया है और जेल में नकदी मिलने के आरोपों पर भी सफाई दी है। नैनी जेल से झांसी जेल में स्थानांतरण बुधवार को अतीक अहमद के छोटे बेटे अली अहमद को कड़ी सुरक्षा के बीच नैनी सेंट्रल जेल से लगभग 450-500 किलोमीटर दूर झांसी जिला कारागार में स्थानांतरित कर दिया गया। यह कदम 17 जून को डीआईजी राजेश श्रीवास्तव द्वारा की गई छापेमारी के बाद उठाया गया, जिसमें अली की बैरक से ₹1100 नकद बरामद हुए थे। इस घटना के बाद, लापरवाही के आरोप में डिप्टी जेलर कांति देवी और जेल वार्डर संजय द्विवेदी को निलंबित कर दिया गया था और अली की बैरक की निगरानी बढ़ा दी गई थी। माना जा रहा था कि इस घटना के बाद अली की जेल बदली जाएगी। मंगलवार रात शासन से आदेश मिलते ही बुधवार सुबह लगभग 7 बजे अली को प्रिजन वैन से झांसी के लिए रवाना किया गया और दोपहर 3 बजे जिला कारागार में दाखिल किया गया। मुख्यमंत्री से 'बचा लो' की गुहार और चेहरे पर खौफ झांसी पहुंचने पर मीडिया को देखकर अली अहमद के चेहरे पर दहशत साफ दिखाई दी। उन्होंने हाथ जोड़कर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से गुहार लगाई। अली ने कहा, "मुख्यमंत्री जी से यही कहना है कि अब उसे और न सताया जाए, जो होना था, वो हो गया, सरकार के नाम पर कुछ लोग अन्यथा परेशान कर रहे हैं, उनसे बचा लीजिए।" अली ने यह भी आरोप लगाया कि उसे रास्ते में पानी तक पीने को नहीं दिया गया। उनके इस बयान ने स्पष्ट कर दिया कि जेल बदलने के फैसले से वह काफी डरे हुए हैं। फर्जी मुकदमों का आरोप और कानूनी पढ़ाई का दावा झांसी में मीडिया से बात करते हुए अली ने खुद पर लगे आरोपों को गलत बताया। उन्होंने दावा किया कि वह तो दिल्ली में लॉ की पढ़ाई कर रहे थे, लेकिन उन्हें फर्जी मुकदमा लगाकर जेल भेज दिया गया। अली ने यह भी कहा कि जेल में रहने के दौरान उन पर आठ और मुकदमे लगा दिए गए हैं। उन्होंने इस बात पर भी निराशा जताई कि उन्हें परेशान करने के मकसद से गृह जिले से इतनी दूर झांसी जेल भेज दिया गया है, जबकि वह नैनी सेंट्रल जेल में पूरे नियम कायदे के साथ रह रहे थे। नकदी मिलने के आरोप पर अली की सफाई नैनी जेल में हुई छापेमारी के दौरान नकदी मिलने के आरोपों पर अली ने सफाई दी। उन्होंने कहा कि उनके पास जो ₹1100 से ₹1200 मिले थे, वह कूपन का पैसा था, जिसे जेल में रखने की अनुमति होती है। उन्होंने आरोप लगाया कि इस पैसे को किसी दूसरे तरीके से दिखाया जा रहा है ताकि उन्हें परेशान किया जा सके। अधिवक्ताओं के रूप में अन्य लोगों से मिलने के सवाल पर उन्होंने स्पष्ट किया कि उनसे मिलने केवल अधिवक्ता ही आते थे, जिनका वकालतनामा लगता था और मुलाकातें जेल मैन्युअल के अनुसार ही होती थीं। सुरक्षा और भविष्य की अनिश्चितता अली को झांसी जेल में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के तहत लाया गया है, जिसमें एक इंस्पेक्टर, दो सब इंस्पेक्टर और सात सशस्त्र सिपाही शामिल थे। उन्हें सुरक्षा के लिहाज से एक अलग बैरक में रखा गया है। जब अली से उनकी जान को खतरा होने के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि वह झांसी जेल में सुरक्षित रहेंगे या नहीं, यह तो अल्लाह ही जानता है। इस बीच, नकदी मिलने के मामले में निलंबित किए गए डिप्टी जेलर कांति देवी और जेल वार्डर संजय द्विवेदी ने विभागीय जांच समिति के सामने कहा कि उनके सामने पैसे का कोई लेनदेन नहीं हुआ था। यह स्थानांतरण और अली की मुख्यमंत्री से लगाई गई गुहार, माफिया अतीक अहमद के परिवार पर पड़ रहे दबाव और कानूनी शिकंजे को साफ दर्शाती है।