Aaj Bihar ka Mausam: आसमान से आफत, पटना-भागलपुर में झमाझम; शेखपुरा में गिरी बिजली, 2 अक्टूबर से और बड़ा खतरा

10/2/2025, 1:31:35 AM
Aaj Bihar ka Mausam: पटना से लेकर सुपौल तक, हर ओर बारिश ने लोगों की रफ्तार रोक दी है. सड़कों पर पानी, पंडालों में अव्यवस्था और गांवों में बिजली गिरने से मौतें -- बिहार बुधवार को इन तमाम खबरों से दहला. मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि यह शुरुआत भर है. 2 अक्टूबर से 7 अक्टूबर तक आसमान और ज्यादा कहर ढा सकता है. बंगाल की खाड़ी और अरब सागर से उठे दो मौसमीय सिस्टम बिहार ही नहीं, पूरे देश के बड़े हिस्से में भारी बारिश और तूफानी हवाओं की दस्तक देने वाले हैं. बुधवार की सुबह पटना, भागलपुर, गया, सीवान, बक्सर, बांका, जमुई, बेगूसराय, नालंदा, खगड़िया, सुपौल, लखीसराय और गोपालगंज में तेज बारिश हुई. दोपहर बाद सासाराम, सहरसा, शेखपुरा, जहानाबाद और समस्तीपुर भी भीग गए. शेखपुरा में बारिश के बीच आकाशीय बिजली पेड़ पर गिरी और देखते-ही-देखते आग भड़क उठी. बक्सर में बिजली गिरने से एक व्यक्ति की मौत हुई. नवादा जिले के सिरदला प्रखंड में दुर्गा पूजा कलश विसर्जन के दौरान बिजली ने दो लोगों की जान ले ली और दर्जनों लोग घायल हो गए. बारिश से सुपौल और खगड़िया की सड़कों पर पानी भर गया है, जबकि नालंदा में पंडालों की व्यवस्था चरमरा गई है. मौसम विज्ञान केंद्र ने बुधवार को प्रदेश के 24 जिलों के लिए यलो अलर्ट जारी किया. वैज्ञानिकों ने साफ कहा कि 2 से 7 अक्टूबर तक बिहार के पूर्वी और उत्तरी जिलों में भारी बारिश की आशंका है. कई जगह तो अत्यधिक बारिश का खतरा मंडरा रहा है. साथ ही बिजली गिरने की संभावना भी बनी हुई है. लोगों को पेड़ों के नीचे खड़े न होने और खुले खेतों में काम न करने की सलाह दी गई है. बारिश के पीछे की असली वजह बंगाल की खाड़ी और अरब सागर में सक्रिय दो सिस्टम हैं. 30 सितंबर से अंडमान सागर के ऊपर चक्रवातीय क्षेत्र बना है, जिससे 1 अक्टूबर तक बंगाल की खाड़ी में लो-प्रेशर एरिया मजबूत हो गया. यह सिस्टम धीरे-धीरे पश्चिम-उत्तर की ओर बढ़ते हुए 3 अक्टूबर को दक्षिण ओडिशा और उत्तर आंध्र प्रदेश के तटों से टकराने वाला है. अरब सागर में भी कच्छ की खाड़ी और उससे लगे हिस्सों पर एक लो-प्रेशर एक्टिव हो चुका है. अगले 24 घंटे में इसके डिप्रेशन में बदलने की संभावना है. इस समय इसके चारों ओर 50 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं बह रही हैं. इन सक्रिय सिस्टम्स का असर सिर्फ बिहार तक सीमित नहीं रहेगा. पूर्वोत्तर भारत, पश्चिम बंगाल, झारखंड, ओडिशा, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान, पंजाब, हरियाणा और दिल्ली तक इसका असर महसूस किया जाएगा. पहाड़ी राज्यों में भी भारी बारिश और खराब मौसम का डर है. विशेषज्ञ मानते हैं कि इस बार मानसून इतनी आसानी से विदा नहीं होने वाला. यहां तक कि जहां पिछले महीने मानसून विदाई का ऐलान किया जा चुका था, वहां भी फिर से बारिश लौट सकती है. बंगाल की खाड़ी में एक और सिस्टम बनने की संभावना है, जिससे पूर्वी और उत्तर-पूर्वी राज्यों में 10 अक्टूबर के बाद भी बारिश बनी रहेगी.