UP के इस इलाके में रावण को मानते हैं भगवान, नहीं होता दहन, जानिये क्या है इसकी वजह

10/2/2025, 4:33:49 AM
Noida Ravan Mandir: ग्रेटर नोएडा में बिसरख गांव को रावण का जन्मस्थान माना जाता है. इस गांव में रावण की पूजा की जाती है और दशहरे पर यहां उसका पुतला नहीं जलाया जाता. Dussehra 2025: जैसा की आप सभी जानते हैं कि आज, 2अक्टूबर को दशहरा मनाया जा रहा है. ये पूर्व काफी धूमधाम से मनाया जाता है. याद रखने वाली बात ये है कि दशहरा बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है. दशहरा पूरे देश में धूमधाम से मनाया जाता है. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि भगवान राम ने अधर्मी और अत्याचारी रावण का वध करके लंका पर विजय प्राप्त की थी. इस खुशी के अवसर पर, दशहरे की शाम को रावण, कुंभकर्ण और मेघनाथ के पुतले जलाए जाते हैं. लेकिन उत्तर प्रदेश में ही एक जगह ऐसी है जहां आज भी रावण की पूजा की जाती है. इस गांव में होती है रावण की पूजा दरअसल, ग्रेटर नोएडा में बिसरख गांव को दस सिर वाले राक्षस रावण का जन्मस्थान माना जाता है. बताया जाता है कि इस गांव में रावण की पूजा तो होती है, लेकिन दशहरे पर उसका पुतला नहीं जलाया जाता और न ही गांव में रामलीला होती है. दिलचस्प बात तो ये है कि बिसरख गांव में रावण को समर्पित एक मंदिर भी है. मंदिर के पुजारी बताते हैं कि यहां रावण के पिता, ऋषि विश्रवा द्वारा स्थापित एक अष्टकोणीय शिवलिंग स्थित है. ऐसा माना जाता है कि रावण और उसके भाई कुबेर ने इस शिवलिंग की पूजा की थी. इतना ही नहीं भगवान शिव की तपस्या करते हुए रावण ने इस शिवलिंग पर अपना सिर अर्पित कर दिया था, जिसके बाद भगवान शिव ने उसे दस सिर का वरदान दिया था. बाकी ग्रामीणों का कहना है कि दूर-दूर से लोग यहां भगवान शिव और बाबा रावण का आशीर्वाद लेने आते हैं. नहीं किया जाता रावण दहन इलाके के लोगों का कहना है कि जो कोई भी व्यक्ति रामलीला आयोजित करके या रावण दहन करके पुरानी परंपराओं को तोड़ता है, उसका दुर्भाग्य होता है. इसलिए, कोई भी रामलीला या रावण दहन नहीं मनाता. समय बदल गया है, और युवाओं का नज़रिया भी बदल रहा है, लेकिन कोई भी परिवार या व्यक्ति अभी तक पुरानी परंपराओं और मान्यताओं का विरोध करने के लिए आगे नहीं आया है, यही वजह है कि यह परंपरा आज भी जारी है.