Bihar Chunav 2025: 7.42 करोड़ पात्र मतदाता, मगध में नए वोटर्स और सीमांचल में कटौती, राजनीतिक हलचल तेज

10/2/2025, 4:18:22 AM
Bihar Chunav 2025: भारत निर्वाचन आयोग ने फाइनल वोटर लिस्ट जारी कर दी है। चुनाव आयोग के स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) के बाद यह सूची राजनीतिक दृष्टि से विवादास्पद होने की पूरी संभावना रखती है। रिपोर्ट के अनुसार, महागठबंधन के गढ़ माने जाने वाले मगध क्षेत्र में सबसे ज्यादा नए मतदाता जुड़े हैं, जबकि मुस्लिम बहुल सीमांचल में सबसे अधिक नाम कटे हैं। अंतिम सूची के अनुसार, बिहार में कुल 7.42 करोड़ पात्र मतदाता हैं और ड्राफ्ट रोल से अंतिम सूची में करीब 18 लाख नए मतदाता जुड़े हैं। विधानसभा चुनाव के मद्देनज़र इस पात्र मतदाताओं की सूची पर नई बहस छिड़ गई है। एनडीए की कमजोर कड़ी: मगध 2020 के विधानसभा चुनाव में मगध की 47 सीटों में से महागठबंधन ने 30 सीटें जीती थीं, जिसमें आरजेडी के खाते में 22 और बीजेपी के खाते में 9 सीटें आईं। जेडीयू ने महज 5 सीटें ही जीतीं। लोकसभा चुनाव 2024 में भी एनडीए का प्रदर्शन इस क्षेत्र में कमजोर ही रहा। 12,000 करोड़ रुपये के विकास कार्यों का उद्घाटन एनडीए ने अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए पिछले वर्षों में कई प्रयास किए हैं। वंदे भारत एक्सप्रेस सहित विकास योजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया गया। अगस्त में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गया का दौरा कर करीब 12,000 करोड़ रुपये के विकास कार्यों का उद्घाटन किया। मगध के कई जिलों में महागठबंधन का दबदबा मगध के कई जिलों में महागठबंधन का दबदबा कायम है। जहानाबाद की तीन विधानसभा सीटों में से सभी, औरंगाबाद की छह सीटों में से सभी, अरवल की दो सीटों में से दोनों, गया की 10 सीटों में से छह और नवादा की पांच सीटों में से चार सीटें महागठबंधन के कब्जे में हैं। बीजेपी इस गणित को बदलने के लिए लगातार प्रयासरत है। मतदाता जोड़ में मगध सबसे आगे SIR रिपोर्ट के अनुसार, 2020 में एनडीए का सबसे कमजोर प्रदर्शन करने वाला मगध क्षेत्र पूरे बिहार में सबसे ज्यादा वोटर जोड़ने की दर (2.6%) दर्ज करने वाला क्षेत्र बना। पटना जिले में सबसे ज्यादा 1.6 लाख मतदाता जुड़े (3.4%), जबकि नवादा में यह दर सबसे कम 1.8% रही। सीमांचल में नाम कटने की दर सबसे अधिक सीमांचल क्षेत्र के चार जिलों में मुस्लिम आबादी लगभग 48% है। 2020 के विधानसभा चुनाव में महागठबंधन ने यहां की 7 सीटों पर जीत दर्ज की थी, जबकि एनडीए ने 12 सीटें जीतीं। एआईएमआईएम ने पहली बार 5 सीटें जीतीं, जिनमें से चार विधायक बाद में आरजेडी में शामिल हो गए। SIR के बाद सीमांचल में नाम कटने की दर सबसे अधिक रही, जबकि नए मतदाताओं की संख्या राज्य औसत (2.3%) के करीब, सिर्फ 2.4% रही। अंतिम मतदाता सूची पर राजनीतिक समीकरणों पर नई बहस SIR के बाद बिहार की अंतिम मतदाता सूची ने राजनीतिक समीकरणों को नई बहस के लिए खोल दिया है। मगध में एनडीए की स्थिति मजबूत करने के प्रयास और सीमांचल में नाम कटने की दर दोनों ही क्षेत्रों में आगामी चुनावों के रणनीतिक निर्णयों को प्रभावित करेंगे।